डॉ. मुल्ला आदम अली : हिंदी के विकास में हिंदीतर

Dr. Mulla Adam Ali: Non-Hindi speakers in the development of Hindi हिंदी सेवा को समर्पित एक यशस्वी व्यक्तित्व : डॉ. मुल्ला आदम अली हिंदी के विकास में हिंदीतर : हिंदी साहित्य के प्रखर सेवक डॉ. मुल्ला आदम अली पर आधारित यह कविता उनके जीवन, हिंदी प्रेम और शिक्षा क्षेत्र में योगदान को समर्पित है। पढ़िए एक प्रेरणादायक रचना। डॉ. मुल्ला आदम अली: हिंदी भाषा के एक समर्पित साधक पर कविता ज्ञान की जोत जलाते चले, हिंदी के दीप सजाते चले। शब्दों के सिपाही, विचारों के राही, डॉ. आदम अली हैं साहित्य के पथगामी। ना सीमाएँ भाषा की रोकीं उन्हें, ना पहचान की दीवारें तोड़ीं उन्हें। उर्दू की मिठास, हिंदी का रंग, उनकी लेखनी में था भारत का संग। कविता हो, कहानी हो या बाल मन, हर विधा में बसता उनका तन-मन। शिक्षा के क्षेत्र में बिखेरा उजास, बच्चों से बुज़ुर्गों तक पहुँचाया प्रकाश। हिंदी को दिया उन्होंने नया विस्तार, नेट-जेआरएफ तक पहुँचाया उसका संभार। ब्लॉग के माध्यम से फैलाई सुगंध, ज्ञान की गंगा में स्नान करे जनवृंद। सरल श...
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